Mohit Trendy Baba (March 2015 Updates)

*) – Second paper in English and Hindi on Inland Waterways of India submitted to a publisher.
*) – Published Laghu Kathayen and special articles on various issues (Prabhat Dainik, Shah Times and First News), you can read some of those – Online Archives, OA Apr and Trendy Baba Mafia Blog.
*) – Couple of event appearances.
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*) – Conducted creative workshops for Arya Foundation, Meerut members.
*) – Freelance Talents and ICF online brainstorming hangouts.
*) – Page from new Kavya Comic….
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Event Appearance…

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Expressed my views in a seminar on various Gender issues this year in an event organized jointly by regional NGOs. – Mohit Trendster #mohitness

लेखक/कवि मोहित शर्मा (ज़हन) परिचय – प्रादेषिक हिंदी समिति (उ.प्र.)

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बचपन से विभिन्न विषयों पर हिंदी, इंग्लिश में कवितायेँ, कहानियाँ लिख रहें मोहित शर्मा (ज़हन), वर्ष 2006 में इंटरनेट के संपर्क में आने के पश्च्यात अधिक सक्रियता से लेखन में जुट गये। दो या अधिक विधाओ के मेल में उन्हें महारत हासिल है जिसके अंतर्गत उन्होंने कविताओं के साथ – 2 बहुतायत में काव्य कहानियां, काव्य लेख और काव्य कॉमिक्स की रचना की। उत्तर प्रदेश हिंदी समिति इस युवा प्रतिभावान रचनाकार को शुभकामनाएँ देती है।
प्रादेषिक हिंदी समिति (उत्तर प्रदेश)

लेखक-कवि मोहित शर्मा (ज़हन) सूक्तियाँ

Mohit

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*) – किसी व्यक्ति/बात का पक्ष लेने में ज्ञान हमारी मदद भी करता है और रोकता भी है। फैसला करने से पहले विभिन्न अधिकृत-अनधिकृत घटकों से जाँचना ज़रूरी है कि उपलब्ध जानकारी का उद्गम कहाँ से हुआ है, क्योकि संभव है जिस जानकारी के बल पर हम सही-गलत का निर्णय कर रहे हों वह स्रोत से ही किसी पक्ष के स्वार्थ के लिए दूषित कर दी गयी हो।

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*) – आज़ादी की लहर में दोनों रुख के बंदे बहे,

जहाँ नर्म दल के सिपहसेलार बने खुदा…

और प्यादे तक बादशाह हो गये,

वही गर्म दल के शहीद अपने ही देश में…

क्रांतिकारियों से गुण्डे हो गये।

भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को उनकी पुण्यतिथि पर नमन !

बातों और घटनाओ का अधिकृत होना उनके लोकप्रिय होने जितना ही महत्वपूर्ण है क्योकि दुनियाभर के लोग और आने वाली पीढ़ियाँ प्रमाण के रूप में केवल दर्ज रिकार्ड्स को मानते है। धीरे-धीरे चढ़ती समय कि परतों के साथ किन्ही पीढ़ियों की विदित लोकप्रिय बातों को आगे काल्पनिक किवदंतियाँ, कहानियाँ बनते देर नहीं लगती। आवश्यकता है निष्पक्ष होकर ऐसे ऐतिहासिक कालों में सक्रीय हर घटक के अच्छे-बुरे कार्यो को पहचान कर उनसे सबक लेने की। साथ ही अनुपात देखना भी आवश्यक है, किसी घटक/व्यक्ति पर हज़ारों लोग चर्चा करें, मान्यता दें जबकि किसी समकक्ष घटक पर यह संख्या दर्जनो में हो तो दूसरा घटक अपने आप विलुप्त हो जायेगा।

*) – कंधे पर बैठे फरिश्तों के हिसाब में,

अपनों को ना सतायें….

ज़रा एहतियात रहें सोने से पहले,

सपने सिरहाने ना लगे रह जायें।

*) – Genuine citations often lack corporate-glitteriness.

*) – They say that Good ultimately wins, OK! Sir, Agreed! but the win-loss record of Good vs. Evil is like population of (Moldova vs. China).

– Mohit Sharma (Trendster)

Interview with Mithilesh Gupta

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Promo Poster by Tadam Gyadu
 
कॉमिक्स प्रशंषक और कलाकार श्री मिथिलेश गुप्ता से उनकी आगामी फैन लाइव-एक्शन फिल्म “बांकेलाल और क्रुकबांड” और अन्य प्रोजेक्ट्स को लेकर हुयी बातचीत के अंश। आशा है इस फिल्म को अच्छा रेस्पोंस मिले और अपने उद्देश्य में सफल हो।
*) – अपना और अपने साथियों का संक्षिप्त परिचय हमसे करायें। 
पहले तो सभी कॉमिक्स प्रेमियों को मेरा नमस्कार, मैं भी आप सभी की तरह एक कॉमिक्स प्रेमी हूँ. मेरा नाम मिथिलेश गुप्ता है और मैं यु तो इंदौर का रहने वाला हूँ .पर यहाँ हैदराबाद में ३ साल से रह रहा हु और एक हेल्थ केयर MNC में काम करता हु। मेरी इस मूवी की टीम में और ३ मुख्य लोग शामिल हैं
जिनसे मेरी मुलाक़ात हैदराबाद कॉमिक्स कोंन  में हुयी थी ,सभी कॉमिक्स फंस हैं और हैदराबाद में ही कार्यरत हैं।
प्रद्युम्नदेव जोधा जी जो की राजस्थान से हैं  और वो विक्रमसिंह के किरदार में हैं .और इस फिल्म के प्रोडूसर भी हैं .उनके बिना ये फिल्म बनाना मुमकिन नही था। दुसरे “मोहन मौर्य ” जी हैं जो क्रूक् बांड के किरदार में हैं और राजस्थान से ही हैं, और उन्होंने इस फिल्म के लिए २ गाने लिखे हैं .
तीसरे सिद्धार्थ गुप्ता जी जो “ग्वालियर ” से हैं और इस फिम्ल में “मोटू ” के रोले में नज़र आएंगे .
*) – फिल्म को बनाने का विचार कैसे आया और क्या माहौल था मूवी बनने से पहले?
साल के पहले महीने में मेरी एक documentary film जो की चेतन भगत के नावेल “हाफ गर्लफ्रेंड ” पर आधारित है बन के रिलीज़ हो चुकी थी ..लोगो का अच्छा रेस्पोंसे मिला .जिसकी शूटिंग मेरे मोबाइल से मध्यप्रदेश और बिहार में की गयी थी। इस के बाद मैं अपनी एक हॉरर नावेल लव ट्रायंगल पर काम कर रहा था २ दिन की शूटिंग भी हो गयी थी पर कैमरा अच्छा नहीं था तो कहानी बंद टालनी  पड़ी। तभी मुझे कॉमिक्स पर कुछ काम करने का विचार आया ,हालाँकि ये विचार आने का एक रीज़न ये भी मान सकते हैं की प्रद्युमन भाई के पास कुछ कॉमिक्स चरित्रों के ड्रेस बने हुए थे कॉमिक कोंन के लिए,
मतलब अब मेरे दिमाग में कहानी घुमने लगी और प्लान बन गया बस मेने इन तीनो को मन में रखकर ४ चरित्रों वाली कहानी गढ़नी शुरू की . “बांकेलाल और क्रूक् बांड ” और मुझे लगता है सभी अपने किरदारों में एक दम फिट लगे हैं। मेने इन् चारो को फोन करके अपना कांसेप्ट सूनाया की मैं एक मूवी बनाना चाहता हूँ पहले तो कुछ लोग नहीं मान पाए ,मेने सन्डे को मिलके समझाने का कहा …और एक मीटिंग करवाया।
इसके पहले हम सब एक दो बार ही मिले थे ..हैदराबाद में, फिर क्या  था मेने जब अपने डायरेक्शन के नज़रिए से इन्हें समझाया यकीन मानिय एक ने भी ना नहीं बोला.मतलब सबको मेरा  कांसेप्ट पसंद  आ गया था। और प्रद्युमन भाई के पास २ बड़े कैमरे भी थे मतलब काम हो गया था और फिर इस मूवी पर पूरे जोरो से मेने काम करना शुरू कर दिया शूटिंग के लिए।
*) – क्या प्रक्रिया रही इस फिल्म को बनाने में? 
एक्टिंग. सबको यही लग रहा था होगा या नहीं ,मेने कहा जेसे आप उन् किरदारों को कॉमिक्स में पढ़ते हैं उसे अपने आप में ढाल लो .बस फिर उस एक हफ्ते सब उन् किरदारों की पढने में फिर से बिजी हो गए थे ….हालाँकि हमारे पास ओनली सन्डे ही था बाकी दिन ऑफिस का था .प्लान था एक सन्डे में इश  फिल्म को फिल्म लेन्गे. अब हमारे पास ड्रेस थी। २ बड़े कैमरे भी हो गए थे। मेने स्क्रिप्ट एक हफ्ते में लिख चूका था ..अगले हफ्ते ही हमारे मीटिंग के शूटिंग स्टार्ट कर दी गयी फ़रवरी के पहले वीक में .लोकेशन था प्रद्युमन भाई का बड़ा फ्लैट जिसे हमने क्रूक्बोंद का ऑफिस बनया था और कुछ बाहर की शूटिंग एक जंगल और रोड पर करनी पड़ी। एक दिन में शूटिंग नहीं हो पायी .क्युकी बांकेलाल और विक्रमसिंह के ड्रेसिंग में १ घंटा तक लग जाता था फिर मैं स्क्रिप्ट पढ पढ़ कर चारो के किरदारों को सेट पे एक्ट करने बताता था …काफी टाइम लग रहा था क्युकी बार बार प्रैक्टिस करनी पडी .अरे भाई पन्नो से चरित्रों को निभाना कोई आसान काम नही था, और फिर नेक्स्ट वीक फिर शूटिंग  करना पड़ा।
टाइम की कमी के कारण नेक्स्ट शूटिंग २ हफ्तों के बाद की, काफी सीन्स फिर से करने पड़े ,और ऐसे १ महिना निकल गया .काफी ट्विस्ट जनम लेने लगे थे ,हम सब एक्टर्स तो हैं नहीं फिर भी हमने अपने आप के एक्टर्स को बहार निकाल के एक्टिंग की है जो आपको जरुर पसंद आयेगी . सभी ने फिल्म को बनाने में काफी न्यू न्यू आइडियाज दिए हैं ,जो इस फिल्म की  जान हैं।
*) – फिल्म को बनाने में क्या क्या challanges आये ?
काफी सारे ,,,,,,,क्युकी सभी का अपना जॉब भी था और हमारे पास सिर्फ एक सन्डे होता था ,,,पर उसमे भी अगर एक का भी सन्डे फ्री न हुआ तो बाकी ३ कुछ नही कर पा रहे थे। रात रात भर जाग जाग जार शूटिंग करी गयी और काफी क्लोज हो गए हम सब, सेट पर डिनर के साथ साथ मस्ती भी काफी होती थी .
सभी की हार्ड वर्क की मैं तारीफ़ करूंगा जिन्होंने इतना साथ दिया और मेरे वर्क पे भरोसा किआ …मैं जेसा चाहता था मूवी उससे भी बेहतर बन रही है इसलिए टाइम लग रहा है और अब शूटिंग हो चुकी है। फिल्म को ज्यादा अच्छा बनाने के लिए अब २ sundays सिर्फ डबिंग में जा रहे है जो काफी समय ले रहा है .और मैं ऑफिस से आकर एडिटिंग वर्क भी कर रहा हु .तो वहीँ  सोंग्स की धून भी मोहन जी और मैं बना रहे थे। चूँकि ये fanmade फिल्म है और हमरे पास कोई फंडिंग नहीं थी, हम सबने मिलके ये सब किया है और वर्क तो बहुत जादा हुआ है कैमरे के पीछे भी काफी दोस्तों ने हार्ड वर्क किया है।
*) – किस तरह कि कहानी देखने को मिलेगी फैन्स को? 
कहानी एकदम न्यू होगी, क्युकी क्रूक बांड  और बांकेलाल तो एक कॉमिक्स के हैं नहीं मेने उन्हें दो अलग अलग कॉमिक्स से उठाया है . उन्हें वेसा ही दिखाया है जेसा वो कॉमिक्स में होते हैं . पर दोनों का एक साथ मिलाप एकदम सुपर है (हा हा हा ) खूब हँसेंगे आप सब। हमने कभी इन् किरदारों को पन्नो से बहार तो देखा नही , मुझे उम्मीद है आप लोगो को जरुर अच्छा लगेगा इन् दो कॉमेडी पात्रों को देख कर और इसमें कुछ सुपर हीरोज आपको गेस्ट रोले में भी दिख सकते हैं।
*) – आगामी प्रोजेक्ट्स के बारे में कुछ बतायें।
ट्रेलर काफी फंस को  पसंद आया है और आ भी रहा है। मूवी के अछे रेस्पोंसे मिलने पर ऐसे ही कुछ और प्रोजेक्ट्स आपको देखने को मिलेंगे .जो की लाइन में हैं और इसके बाद मैं अपनी होर्रोरे मूवी “माय रूममेट -एक होर्रोरे लव स्टोरी ” जो २ कपल्स की कहानी है – की शूटिंग स्टार्ट करूँगा जो की बहुत बेस्ट होगी ..जिसका एक पोस्टर भी आ चूका है, उसके बाद मोहित शर्मा जी के कुछ प्रोजेक्ट मेरे पास आ चुके है और वर्क चल रहा है .समाज से जुडी कुछ और मूवीज भी आने वाले है। अच्छा लग रहा है जादा से ज्यादा लोग जुड़ रहे हैं , उम्मीद है फ्यूचर में काफी अछे फिल्म बना पाउँगा और मेरा ये जुनून कामयाब होगा .
*) – कॉमिक्स फैन्स के लिए कुछ शब्द…. 
इतना ही कहूँगा मैं कोई दूसरा नही आपकी ही तरह एक कॉमिक्स फेन हूँ, हैदराबाद कॉमिक्स कोंन में “तिरंगा ” बनाने के बाद फंस ने बहुत लाइक किया जिसके दम पे ये बना पाया हु। प्रद्युम्न भाई जो को “डोगा “बनते आये हैं कॉमिक कोंन  में,वो मेरे लिए एक inspiration हैं उनको सलाम .
और मैं भी कॉमिक्स की दुनिया में कुछ अलग कर रहा हु, सायद आपको पसंद आये, कोई सपोर्ट नही है किसी से जो है आप सबके जेसे फंस ही है। तभी ये बना पाया हूँ. दिन रात हम जुटे हैं एक साथ ताकि फिल्म अच्छी बन के सामने आये, आप सब का सहयोग चाहिए बस।
थैंक यू आल .
“कॉमिक्स हैं हमारा जूनून “
आपका
मिथिलेश गुप्ता

You & Me Film-Production | Facebook

– मोहित शर्मा (ज़हन)

सिर्फ दस सवाल | लेखक मोहित शर्मा (ज़हन)

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सिर्फ दस सवाल
 
यह एक लेख या पोस्ट से ज़्यादा एक विनती है आप सभी से। देश और दुनिया इतने विस्तृत है कि हर स्थान के हर पक्ष की जानकारी रखना असंभव है। गूगल-इंटरनेट पर निर्भरता के कारण पहले जो थोड़ा बहुत ज़ोर देते थे वो भी नहीं देते। पर ऐसे कुछ पक्ष है जिनकी जानकारी ना होना चिंताजनक और शर्म की बात है। अक्सर लोगो से किसी विषय पर बात करते हुए दुख होता है कि अपने देश से जुड़े ज़रूरी मुद्दों पर अज्ञानता, अरुचि के भाव रखते है। इसी अरुचि और अज्ञान का लाभ ऊँचे ओहदों पर आसीन, राजनैतिक और सामाजिक रूप से शक्तिशाली लोग बरसो से उठाते आये है। लोगो को समझाने पर जवाब मिलता है कि अब दुनिया भर की बातों में क्या-क्या याद रखें, कहाँ-कहाँ सर खपायें? प्रकृति से एक औसत मनुष्य को इतना दिमाग मिला है कि उसमे अनेको  ज्ञानकोष समां जायें। अड़चन ज्ञान की अधिकता की नहीं है, अड़चन है कि आम जनता का ध्यान कहाँ केंद्रित है। अब सीरियल्स, फिल्में, सेलेब्रिटीज़, मनोरंजन, खेलों में ध्यान रहेगा तो बाकी बातें अपने आप ज़हन से ओझल हो जायेंगी और यहाँ मतलब मनोरंजन आदि की आदतों को ख़त्म करना नहीं बल्कि उन्हें कम या संतुलित करना बाकी पहलुओं के अनुपात में क्योकि अगर आसाम, लक्ष्यद्वीप, केरला आदि राज्यों से कोई खबर आये तो वो किसी पराये देश से आई खबर प्रतीत ना हो। तो आप सभी से निवेदन है कि कम से कम इन 10 विषयों और सवालो पर अधिक से अधिक जानकारी लेकर खुद को जागरूक रखें, अपने आस-पास लोगो को भी जागरूक करें।
1) – देश का वर्तमान नक्शा क्या है और कैसे कट-छंट कर वर्तमान रूप में आया ?
2) – भारत की आंतरिक भाषायी राजनीती। हिंदी से बाकी स्थानीय भाषाओं का घर्षण, अन्य भाषाओँ का आपस में घर्षण और उपजे दुष्परिणाम।
3) – 1947 से 1991 का लाइसेंस राज समय, जब सरकारी पाबंदियां अधिक थी। उस दौर में अन्य देशो से रिश्ते।
4) – किन देशो से हमारी सीमा साझा होती है और उनसे हमारे कैसे संबंध रहे है, चल रहे है? 5) – भारत के विभिन्न क्षेत्रों में फैली सामाजिक समस्याएँ।
6) – किन वस्तुओं, सेवाओं में भारत अग्रणी देशों में आता है (किन चीज़ों, स्थानो में सम्भावनाएँ है) और किन बातों में भारत दूसरे देशो पर निर्भर है ?
7) – भारत में जनसँख्या का किस अनुपात में बंटवारा किन धर्मो में है और उन धर्मो का उद्गम, विस्तार किस तरह हुआ?
8) – देश का युद्ध इतिहास।
9) – राजनैतिक पार्टियों का इतिहास।
10) – दुनिया के प्रमुख देशो के व्यावसायिक समीकरण।
वैसे तो महत्वपूर्ण विषय, बातें और भी बहुत है पर अधिकतर की धुरी यह विषय है। जय हिन्द!
– मोहित शर्मा (ज़हन)
#mohitness #mohit_trendster #trendy_baba #bharat #india

लेखक मोहित शर्मा (ज़हन) – February 2015 Update

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*) – 1 poem and 1 story in inaugural issue of Bageshwari magazine (Editor – Mr. Yogesh Amana Gurjar)
*) – Randomiya and Zambo Zet Zahaaz ki Zustzoo webcomics continue….
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*) – Columns for local daily Dainik Prabhat and First News news channel continue.
*) – Cover story and Article for Roobaru Duniya (March 2015) issue.
*) – Couple of new podcasts @ Soundcloud.
….and few delayed projects. 😦
– Mohit Trendster #मोहित_शर्मा_ज़हन
#mohitness #mohit_trendster #trendy_baba #freelance_talents

झूठ की नोक पर बंदी भारत – मोहित शर्मा (ज़हन)

Note – वैसे तो आर्टिकल में मीडिया की आलोचना है पर आशय मुख्यधारा, बहुसंख्य मीडिया से है। इस क्षेत्र में भी हर जगह की तरह अच्छे, ईमानदार लोग, संस्थायें भी है।
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क्या भारत दुनिया के सबसे अच्छे राष्ट्रों में है? नहीं! क्या भारत दुनिया के सबसे बुरे देशो में है? नहीं! भारत लगभग हर पक्ष में कहीं बीच में है। तकनीक, पर्यटन, विकास, खेल, अपराध सब में। फिर कैसे हमे हिंसक अपराधो, महिला के विरुद्ध अपराधों, घोटालो जैसे मुद्दों में सबसे शीर्ष पर आ जाते है? कैसे पूरे विश्व की कैपिटल बन जाते है इन आपराधिक, अनैतिक मामलो में? मैं मानता हूँ कि अपराध से, बुराई से लड़ाई तेज़ होनी चाहिए और भारत में बहुत से सुधारों की आवश्यकता है पर हर पक्ष में योजनाबद्ध तरीके से, “कोसनाबद्ध” तरीके से नहीं।
भारतीय मीडिया के बहुसंख्य हिस्से में एक ट्रेंड चला है पिछले कुछ वर्षो से जो मुझे चिंतित कर रहा है। हैरतअंगेज, होश उड़ा देने वाली, घृणित कर देने वाली ख़बरों को वरीयता
देना। साथ ही देश और उस से जुडी बातों को कोसना। बाकी नियमित स्तर पर इतने विशाल देश से आयी सामान्य-अच्छी ख़बरें, उपलब्धियाँ इन “चौंका” देने वाले खुलासों में कहीं खो जाती है। परेशानी यहीं ख़त्म नहीं होती अक्सर घटनाओं से अधिक कवरेज बड़े लोगों के बयानों को मिलती है की फलाना ने फलाना बोलकर फलाना मानसिकता दर्शायी। देश में विचारों को व्यक्त करने की आज़ादी है और अगर वो बयान किसी के प्रति हिंसा नहीं फैला रहे (जो अधिकतर होता है) तो आप क्यों ठेकेदार बन रहे हो किसी के एक बयान के बल पर उसका पूरा व्यक्तित्व नापने वाले? आप जो खुद कॉर्पोरेट्स आदि निजी हितों से प्रायोजित ख़बरें दिखाते फिरते हो। वह भी एक इंसान है और कम से कम असली इंसान की हर मामले में नपी-तुली राय हो ही नहीं सकती।
दूसरी बात जो मैं अक्सर दोहराता हूँ की लगभग 130 करोड़ के देश मे दशमलव प्रतिशत अपराध भी बाकी छोटे देशो के मुकाबले बड़े लगेंगे पर इसका मतलब यह नहीं की अपराधों के मामले में भारत पहले नंबर पर है। दुनिया के 200 कुछ देशों में अपराध दर में भारत कहीं बीच में है, 147 देशो के उपलब्ध डाटा में भारत का स्थान 72वां था, अगर सभी देशो से रिकार्ड्स आते तो भारत 100 की संख्या पार कर जाता, यानी भारत से अधिक अपराध दर वाले दर्जनो देश है। पर खबर पहले दिखाने का, सेन्शेसनलाइज़ करने का ऐसा भूत सवार है न्यूज़ चैनल्स, प्रिंट न्यूज़ मीडिया को कि ख़बरें वेरीफाई करना तो दूर, ख़बरें ईजाद तक कर दी जाती है। दिक्कत खबरें देने से नहीं है, दिक्कत है एक आपातकाल, मुसीबत का माहौल दिखाते रहने कि है। जिस से आम जन में पूर्वाग्रह बनने के साथ-साथ मनोवैज्ञानिक असर बैठता है, देश और लोगो के लिए हिकारत की भावना आती है की “मैं तो अच्छा/अच्छी हूँ, दुनिया बुरी है, और ऐसे लोग के साथ ऐसा ही होना चाहिए।” तो पहली बात देश, समाज उतना बुरा नहीं है जितना समय के साथ आपके मन में बैठा दिया गया है। हमारे विशालकाय देश का 2-3 प्रतिशत ही ऑस्ट्रेलिया की जनसँख्या से अधिक है, बाकी आप खुद समझदार है। तो अगली बार कोई संख्या देख कर पूरी जाँच कीजिये हल्ला काटने से पहले।
अब इस एमरजेंसी के माहौल का पहला नुक्सान विदेशों में यह ट्रेंड कम है तो जब कोई देश खुद ही अपनी खिल्ली उड़ाए तो कंटेंट और वैरायटी के लिए यहाँ का “कोसना” वहाँ स्थानांतरित हो जाता है। तभी जिन देशो में भारत से ऊँची अपराध दर है वो तक हमारे ऊपर डॉक्यूमैंटरीज़, स्टोरीज, कार्टून्स, न्यूज़ रिपोर्ट्स दिखा कर अपनी जनता का ध्यान बँटाकर, अपनी सरकाओं की मदद करते है।
दूसरा घाटा…कानून, संविधान, नीतियों के गलत बनने से होता है क्योकि समय के साथ लगातार ऐसी ख़बरों से गलत दबाव बनता है सिस्टम पर। फिर जल्दबाज़ी में गठित कानून, संवैधानिक बदलाव एक बड़े वर्ग को नुक्सान पहुँचाने लगते है। साथ ही वर्गों, स्थानो, लोगो के बीच पूर्वाग्रह, नकारात्मक वर्गीकरण बढ़ने लगता है I जिसमे वो अधपकी, अधूरी जानकारी के आधार पर फैसला सुनाकर पब्लिक ट्रायल से दबाव बनाते है।
पर प्रोपोगंडा नहीं होगा, हल्ला नहीं होगा तो चैनल्स को दर्शक, विज्ञापन और स्पोंसर्स कैसे मिलेंगे? कागज़ पर चलने वाली या खानापूर्ति को स्टोर रूम में ऑफिस खोले हज़ारो स्वयंसेवी संस्थाओं को जनता, सरकार और विदेशी डोनेशन, ग्रांट्स कैसे मिलेंगी? विनती कुछ गलत होने पर हल्ला ना करने की नहीं है, बल्कि जितनी बात है उस स्तर का हल्ला करने की है। अपराध, अनैतिकता के खिलाफ आवाज़ और एक्शन दोनों ज़रूरी है पर कायदे में। अपने प्रतिद्वंदीयों को हराने की होड़ में देश की छवि तो धूमिल ना करें। मुझे गर्व है कि मैं समृद्ध विरासत वाले विविध देश भारत का नागरिक हूँ और सामान्य जीवन जीने वाले उन देशवासियों कि मेजोरिटी का हिस्सा हूँ जो खबरों के मामले में आपके मानको पर बोरिंग बैठते है, पर उनको दिखाये बिना भारत में त्राहि-त्राहि की तस्वीर दुनिया पर प्रोजेक्ट करना मेरे लिए किसी जघन्य अपराध से कम नहीं क्योकि क्योकि एक भारतीय होने पर गर्व की बात या भारत से जुडी कोई भी बात जिसमे अपराध का ज़िक्र ना हो सुनते ही बिना आगे कुछ सुने लोग हँसने लगते है या मुँह मोड़ लेते है। बाकी चीज़ों में तो पता नहीं पर देश को कोसने और हल्ला काटने में हम नंबर एक है।
– मोहित शर्मा (ज़हन) #mohitness #mohitsharma #mohit_trendster